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बांसवाडा में ड्रम में बंद पानी , रिश्तों पर लगा ताला

इस गांव में तालों में बंद करके क्यों रखा जाता है पानी ? राजस्थान में जल जीवन मिशन की असफलता को बयां करती रिपोर्ट ....

कुलदीप छंगाणी / जैसलमेर : राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित कुंडल गांव अपने में प्राकृतिक छटाओं को बिखेरता है. इस गांव की सीमा पर जहां एक तरफ माही नदी चलती है तो वहीं अरावली पर्वतमाला इस गांव को अपने गोद में लिए हुए हैं. बारिश यहां सामान्य से ज्यादा होती है और जंगल यहां की आदिवासी जनजाति के जीवन का मुख्य आधार है बावजूद इसके इस गांव में कोई पिता अपनी बेटी को ब्याहाना  नहीं चाहता कारण पानी . जी हां दक्षिण राजस्थान की गंगा कही जाने वाली माही नदी की सीमा पर होने के बावजूद इस गांव के लोग प्यासे हैं .करीब 300 लोगों की आबादी वाले इस गांव में महज एक हैडपंप है जिससे गांव के लोग अपने घरेलू और पशुओं के पानी की पूर्ति करते है .
गांव की रहने वाली 45 वर्षीय कला देवी बताती है कि उसकी जिंदगी पानी लाने में ही निकल गई वह सुबह 5:00 बजे उठकर अपने घर से 3 किलोमीटर दूर स्थित हैंडपंप से पानी लेने जाती है .गर्मियों में कई बार हैडपंप का जलस्तर घट जाने से उन्हें अपने खाली गागर के साथ ही लौटना पड़ता है .
सुबह जल्दी उठकर पानी लाना मेरे जिंदगी का हिस्सा है
मेरी जिंदगी पानी लाने में ही निकल गई है , लेकिन मैं  नही चाहती मेरी लड़की भी इसी तरह इस हैंडपंप से पानी लाते हुए अपनी जिंदगी खराब कर दे , इसलिए मैं उसे ऐसी जगह ब्याहूंगी जहां खूब सारा पानी हो .
                                                      “कला देवी”
पानी की वजह से कोई पिता अपने बेटी का रिश्ता इस गांव में नहीं करना चाहता है . गांव में ही रहने वाला एक पढ़ा लिखा युवा कहता  कि उसका रिश्ता गांव में पानी की समस्या की वजह से टूट गया है । जहां एक तरफ इस गांव के युवाओं की शादी पानी की वजह से नहीं हो रही है तो वहीं इस गांव की लड़कियों को उनके घर वाले ऐसी जगह पर ब्याहना चाहते हैं जहां प्रेम से पहले पानी की प्यास बुझ सके ।
सभी फोटो : प्रमोद कलाल
सभी फोटो : प्रमोद कलाल
इस गांव के लोग पानी को ड्रम में भरकर इस पर ताला लगा देते है . पानी पर लगे ये ताले बांसवाड़ा जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की हकीकत बयां करते है . आपको बता दें कि राजस्थान जल जीवन मिशन के तहत  हर घर जल पहुंचाने के मामले में देश का चौथा सबसे फिसड्डी राज्य है .बांसवाड़ा जिले में इस मिशन के तहत महज 19 प्रतिशत काम पूरा हुआ है .
घोटाला जल जीवन मिशन 
केन्द्रीय जल जीवन मिशन के आंकड़ो के मुताबिक राजस्थान के 42327 गांवों में से 30337 गावों में नल से पानी अभी भी दूर की कौड़ी है और उनमें से ही एक गांव बांसवाड़ा का कुंडल गांव भी है , जहां सरकार अभी तक पानी नहीं पहुंचा पाई है राज्य में 6437 गांव ऐसे जहां अभी जल जीवन मिशन के तहत काम भी शुरू नही हुआ है .इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार जिन गांवों में 100 प्रतिशत पानी पहुंचाने का दावा कर रही है वहां आधी आबादी तक भी पानी नहीं पहुंच रहा है . इसी रिपोर्ट में बताया गया कि बांसवाड़ा जिले के कुछ गांवों में ठेकेदारों और अफसरों ने घरों में सप्लाई दिखाने में लिए लौटे से पानी डालकर चलते हुए नलों की तस्वीरे खींची और पानी पहुंचने की खानापूर्ति कर दी . राजस्थान में जल जीवन मिशन के असफलता के कारणों का दोष केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रह चुके गजेंद्र गजेंद्र सिंह शेखावत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को देकर अपना पल्ला झाड़ देते है जबकि वर्तमान भाजपा सरकार ने अपने दूसरे बजट (2024-2025 ) में 15000 करोड़ की लागत से 25 लाख घरों तक जल पहुंचाने की घोषणा की थी जबकि मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक मात्र 9.27 लाख नए जल कनेक्शन जारी हुए है.

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