
कुलदीप छंगाणी / जैसलमेर
पहलगाम हमले के बाद जैसलमेर जिले में पुलिस सतर्कता बढ़ा रही है, लेकिन इसी बीच रामदेवरा थाने के एसएचओ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे हथियार लहराते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” पर तेजी से फैल रहा है और लोगों द्वारा इसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वीडियो में रामदेवरा पुलिस थाने के एसएचओ आंखों पर काला चश्मा, शरीर पर बुलेटप्रूफ जैकेट और सिर पर हेलमेट पहनकर बंदूक हाथ में लिए बाजार और होटलों में घूमते दिखाई दे रहे हैं। अंदाज़ कुछ ऐसा है मानो किसी फिल्मी सीन की शूटिंग हो रही हो। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि यह सब केवल कैमरे के लिए किया गया, ताकि ऊपरी अधिकारियों पर प्रभाव डाला जा सके। लेकिन मामला उल्टा पड़ गया और अब एसएचओ को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
पत्रकार विनय सुल्तान ने वीडियो साझा करते हुए लिखा—
“ये आदमी एक पुलिस SHO है। बॉर्डर से 200 किलोमीटर दूर ये BP जैकेट और हेलमेट पहनकर पिस्टल लहराते हुए घूम रहा है। इनकी सिखलाई इतनी है कि उंगली ट्रिगर पर रखी हुई है, जबकि यह फायर आर्म्स हैंडलिंग के बेसिक नियमों के खिलाफ है। सेना में कोई जवान ऐसा करता तो कोर्ट मार्शल तय था। फौज और पुलिस में यही फर्क है।”
वहीं, एक अन्य यूजर ‘8PM No CM’ ने लिखा—
“कांस्टेबल कह रहा है कि लाइट चालू करो दिख नहीं रहा, और थानेदार साहब अंधेरे में भी धूप का चश्मा लगाए घूम रहे हैं। फिल्मी शो से ज्यादा कुछ नहीं।”
फिलहाल वीडियो वायरल हो चुका है और एसएचओ की कार्यप्रणाली पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या वर्दी में अनुशासन और हथियारों के प्रति जिम्मेदारी का यह स्तर स्वीकार्य है?
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