जैसलमेर

पोकरण अस्पताल में डायलिसिस मशीन बनी शोपीस, मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ

✍ -किशोर सोलंकी, 24 न्यूज़ राजस्थान, पोकरण

पोकरण | पोकरण जिला अस्पताल के कक्ष संख्या 8 में डायलिसिस मशीन को ऐसे सजा कर रखा गया है जैसे किसी म्यूज़ियम में कोई देखने योग्य वस्तु हो। दो बेड, सफेद चादरें और तकिए देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां नियमित रूप से मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

जानकारी के अनुसार यह डायलिसिस मशीन अस्पताल में एक वर्ष से अधिक समय पहले स्थापित की गई थी, ताकि पोकरण शहर व आस-पास के गांवों के मरीजों को 120 किलोमीटर दूर जैसलमेर या 200 किलोमीटर दूर जोधपुर न जाना पड़े और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही डायलिसिस की सुविधा मिल सके। लेकिन अफसोस की बात है कि यह मशीन आज तक चालू नहीं हो सकी।

सूत्रों की मानें तो जब मीडिया व जनप्रतिनिधियों के बीच इसकी चर्चा शुरू हुई, तो अस्पताल प्रशासन ने मशीन को कक्ष में लगाकर दिखावा किया कि यह चालू है। लेकिन वास्तविकता यह है कि अभी तक इस मशीन की फुल इंस्टॉलेशन नहीं हो पाई है क्योंकि संबंधित इंजीनियर अब तक नहीं पहुंचा है।

यह लापरवाही अस्पताल प्रशासन, ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को दर्शाती है। अगर अब भी जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि जाग जाएं और ठेकेदार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दें, तो मशीन को शीघ्र चालू किया जा सकता है। इससे न केवल मरीजों को स्थानीय उपचार की सुविधा मिलेगी, बल्कि हर महीने हजारों रुपये की बचत भी होगी।


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