
पोकरण, रामदेवरा।
कृषि विज्ञान केन्द्र, पोकरण की ओर से ग्राम रामदेवरा में “गर्मी से पशुओं का बचाव एवं बेहतर आहार प्रबंधन” विषय पर किसान चौपाल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. दशरथ प्रसाद ने की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लगातार बढ़ते तापमान और लू के कारण पशुओं में दूध उत्पादन में गिरावट और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. प्रसाद ने कहा कि गर्मी में पशुओं की आहार ग्रहण करने की क्षमता घट जाती है, जिससे दूध उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है। ऐसे में अगर पशुपालक सही प्रबंधन और आहार व्यवस्था अपनाएं, तो इस गिरावट को काफी हद तक रोका जा सकता है।
कार्यक्रम में केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. राम निवास ने बताया कि गर्मी में तेज धूप और गर्म हवाओं से पशुओं को बचाने के लिए पशुशाला के मुख्य द्वार पर खस या जूट के बोरे का पर्दा लगाना चाहिए। साथ ही पशु आवास में उचित वेंटिलेशन और छायादार वृक्षों की मौजूदगी आवश्यक है, जिससे तापमान में कमी लाई जा सके।
उन्होंने बताया कि गर्मियों में खनिज मिश्रण और संतुलित आहार का नियमित रूप से सेवन करवाना चाहिए, जिससे पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे और दूध उत्पादन में गिरावट कम हो। आहार में मक्का, जौ जैसे ऊर्जा युक्त दानों के साथ हरा चारा, खनिज लवण और नमक शामिल करना चाहिए। गर्मियों में हरे चारे की फसलें जैसे मक्का, लोबिया, चरी और ज्वार उगाने की सलाह दी गई, जिससे पशुओं को पोषण के साथ पानी की भी पर्याप्त आपूर्ति हो सके।
पशुओं को प्रतिदिन 25-30 ग्राम नमक देना और भरपूर मात्रा में साफ, ठंडा और ताजा पानी उपलब्ध कराना जरूरी है। पीने का पानी छाया में रखना चाहिए ताकि उसका तापमान संतुलित बना रहे।
डॉ. राम निवास ने यह भी बताया कि गर्मी में पशुओं को गलाघोंटू, खुरपका-मुंहपका, लंगड़ी बुखार जैसी बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण कराना आवश्यक है, जिससे आने वाले मानसून में पशुओं को इन बीमारियों से सुरक्षा मिल सके।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पशुपालक शामिल हुए और विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
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