
कुलदीप छंगाणी : जैसलमेर ( पोकरण )
दिन था 7 मार्च 2025 अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने बारां नगर परिषद में फर्जी पट्टों को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान सवाल किया कि, क्या बारां विधानसभा में फर्जी पट्टे जारी करने वालों व गलत जानकारी देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी? यूडीएच मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि बारां विधानसभा में चार पट्टे फर्जी जारी किए गए हैं , जांच के बाद परिषद के तत्कालीन आयुक्त ,कनिष्ठ अभियंता व मामले से संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित कर दिए है और कार्रवाई प्रक्रियाधीन है ।
यह मामला बारां नगर परिषद का था जिसमें यूडीएच मंत्री द्वारा विधानसभा में दिए जवाब के अनुसार महज चार पट्टे फर्जी जारी हुए हैं । मैं यहां “महज ” इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि राजस्थान की ही पोकरण नगर पालिका में पट्टों के फर्जीवाड़े को लेकर जो आंकड़ा सामने आया है वो शायद राजस्थान के सभी नगरीय निकायों को पीछे छोड़ दे । दरअसल इस नगरपालिका में तत्कालीन ईओ जोधाराम विश्नोई ने 250 से अधिक नियम विरुद्ध पट्टे जारी कर दिए हैं । (24 न्यूज़ राजस्थान के पास साक्ष्य मौजूद है )
बावजूद इसके विधायक महंत प्रतापपुरी ने इसको लेकर एक भी सवाल विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान नही पूछा। बहरहाल , विधायक ने सवाल नही पूछा क्योंकि हो सकता है उनके पास पूछने को इससे भी अधिक गंभीर विषय पर सवाल हो लेकिन हम आपको बताते है ….
पोकरण नगरपालिका में नियम विरुद्ध जारी किए गए पट्टो का रिपोर्ट कार्ड
साल था 2021 तारीख 2 अक्टूबर । गांधी जयंती के उपलक्ष पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने स्थानीय निकाय क्षेत्रों में लोगों को उनकी जमीन के पट्टे “प्रशासन शहरों के संग “अभियान लगाकर देने आरंभ किए और नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी के जयंती पर शुरू हुए इस अभियान की बागडोर कई नगरपालिकाओं और नगरपरिषद में उन भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों चली गई जिन्होंने अनैतिकता की सीमाओं को पार कर आमजन का व्यवस्था से भरोसा ही उठा दिया ।
जानकारी के मुताबिक पोकरण नगरपालिका ने साल 2024 में 69- A के तहत कुल 403 पट्टे जारी किए है । जिनमें से करीब 250 से अधिक पट्टे नियम विरुद्ध जारी किए गए है । इसमें से 190 पट्टे ऐसे है जिनकी पालिका रिकॉर्ड में कोई पत्रावली (फाइल ) भी नही है तो वहीं 51 पट्टे ऐसे है जिनकी पत्रवालिया तो नगरपालिका रिकॉर्ड में मौजूद है लेकिन उनमें कनिष्ठ अभियंता द्वारा मौका जांच ही नही की गई बावजूद इसके पट्टा जारी कर दिया गया है ।इन पट्टों में सरकारी जमीन के पट्टे भी शामिल है जो कि भूमाफियाओं के गिरोह को टुकड़ों में बांट कर औने – पौने दाम पर दे दी गई है जबकि इसकी बाजार कीमत करोड़ों रुपए है । आपको बता दें कि जमीन की सौगातों का यह खेल तत्कालीन ईओ जोधाराम विश्नोई के कार्यकाल में हुआ है ।
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