पोकरण: करंट लगने से FRT कर्मचारी की मौत, 22 घंटे बाद सहमति, धरना समाप्त
परिजनों का आरोप—बिजली विभाग की लापरवाही से गई जान
पोकरण। बुधवार शाम को फॉल्ट सुधारते समय करंट लगने से FRT कर्मचारी मनीष सैन की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मोर्चरी के बाहर धरना दिया, जो 22 घंटे बाद समाप्त हुआ।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बिना शटडाउन लिए ही मनीष को पोल पर चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी जान चली गई।
22 घंटे बाद बनी सहमति, प्रशासन ने दिया आश्वासन
बाद में प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता वार्ता हुई, जिसमें—
✔️ ₹24 लाख मुआवजा
✔️ तीन साल तक वेतन भुगतान
✔️ परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी
का आश्वासन दिया गया। इसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
पोकरण में इससे पहले भी FRT कर्मचारियों के साथ ऐसे हादसे हो चुके हैं। कुछ समय पहले मुकेश माली नामक कर्मचारी की भी करंट लगने से मौत हो गई थी।
धरने में मौजूद मुकेश माली के पिता ने कहा कि उनके बेटे के लिए घोषित मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि मनीष के परिवार को न्याय मिले और उनके साथ पहले जैसा अन्याय न हो।
सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों को घेरा
इस घटना के बाद स्थानीय विधायक महंत प्रतापपुरी के मौके पर नहीं पहुंचने से लोगों में नाराजगी दिखी।
✔️ सोशल मीडिया पर विधायक का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे विपक्ष में रहते हुए ऐसी ही घटना पर पीड़ित परिवार के समर्थन में खड़े नजर आ रहे थे।
✔️ अब लोगों का कहना है कि सत्ता में आने के बाद वे चुप क्यों हैं?
✔️ सोशल मीडिया पर लोग विधायक से न्याय की मांग कर रहे हैं और उन पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
✔️ स्थानीय लोग और मृतक के परिजन अब इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
✔️ प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मामले को सुलझाने के लिए पोकरण एसडीएम प्रभजोत सिंह गिल, जैसलमेर के पूर्व विधायक सांग सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित और सांकड़ा प्रधान भगवत सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि धरना स्थल पर पहुंचे।
प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 24 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया। साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी मान ली। इसके बाद शाम 4 बजे परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया।
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